मां और मायका
दोनों ही हैं बहुत खास शब्द ,सुन्दर सा मां और मायका ।
मां तो होती यह खास ही ,
खास होती वहां की जायका ।।
मां ही मां को जन्म है देती ,
जो मां बनती है शादी बाद ।
शादी बाद मां जन्म है देती ,
मायका होती सदा ही याद ।।
मां का घर ही मायका होती ,
मां ने ही मां को जन्म दिया ।
बेटी की बेटी बेटी को जनी ,
बेटी रूपी मां को धन्य किया ।।
मां से ही मायका यह होता ,
मां होती मायका का कारण ।
बेटी तीन कुल आबाद करती ,
मां ही होती सबका निवारण ।।
बहुत खास होते भैया भाभी ,
किंतु मां बिन मायका कहां ।
मान सम्मान आदर भी मिलता ,
मायके की वह जायका कहां ?
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com