Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

जब पानी सिर से ऊपर आने लगता है,

जब पानी सिर से ऊपर आने लगता है,

तब बचने का उपाय सुझाने लगता है।
हो जाती हैं सभी इन्द्रियाँ सचेत तभी,
जब मृत्यु का भय सताने लगता है।


कुछ दंभ में चूर यहाँ, दे रहे चुनौती सत्ता को,
सत्ताधारी मौन बैठे, अवसर की प्रतीक्षा को।
अंकुश नहीं लगाया तत्पर, सिर चढ़कर नाचेंगे,
शान्ति का राग सुना, आमंत्रित करके हिंसा को।


सिर पर पगड़ी लाल लगा, हिंसा का करें समर्थन,
हरी टोपियाँ और पगड़ी, नहीं किसी से कोई भी कम।
अलगाव के सभी समर्थक, मौन समर्थन करते देखे,
धरना स्थल सभी पहुँच, दिखा रहे अपना दमख़म।

डॉ अनन्त कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ