हुनर है
चोरी की रचनायें पढकर, सम्मान पाना भी हुनर है,महफिल मे जा अपनी ओर, ध्यान पाना भी हुनर है।
लाखों अमीर रहते हैं हमारी बस्ती में, जानता हूँ,
पैसे खर्च करने का जिगर, मंच पाना भी हुनर है।
गिरना पडता है जमीर से नीचे, गलत करने से पहले,
गिरने की हद से नीचे गिरकर, मुस्कराना भी हुनर है।
एकलव्य का लक्ष्य भेदन, बिन गुरू ज्ञान वन्दनीय,
द्रोणाचार्य जैसे गुरू द्वारा, अंगूठा माँगना भी हुनर है।
बनाने को अर्जुन सर्वश्रेष्ट धनुर्धर, कर्ण का अपमान
शिष्यों में भेदभाव कर, द्रोण का मुस्कराना भी हुनर है।
अ कीर्ति वर्द्धन
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