Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

प्यासी चिड़िया

प्यासी चिड़िया

देखो प्यासी आई चिड़िया ,
देखो उदासी आई चिड़िया ।
मारे प्यास व्याकुल होकर ,
चीं चीं करती आई चिड़िया ।।
नल पर देखो चोंच उठाए ,
ईश से प्रार्थना करे चिड़िया ।
कहीं से कोई आ न जाए ,
मानव से बहुत डरे चिड़िया ।।
कहीं से कोई नल हिला दे ,
कहीं से कोई जल मिला दे ।
ईश्वर तू भी तो दया कर दे ,
चीं चीं कर सुनाती चिड़िया ।।
चीं चीं स्वर सुन लो बन्धु ,
छत पर पानी रख दे भैया ।
पानी पीकर आशीष दूंगी ,
चीं चीं स्वर में गाती चिड़िया ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ