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महान स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रभाषा-सेवी थे साँवलिया बिहारी लाल वर्मा ,जयंती पर साहित्य सम्मेलन में दी गयी श्रद्धांजलि, आयोजित हुई कवि-गोष्ठी

महान स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रभाषा-सेवी थे साँवलिया बिहारी लाल वर्मा ,जयंती पर साहित्य सम्मेलन में दी गयी श्रद्धांजलि, आयोजित हुई कवि-गोष्ठी

पटना, १८ जून। महात्मा गांधी के अवज्ञा आंदोलन में अनेको बार जेल की यातना सहने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी साँवलिया बिहारी लाल वर्मा भारत के एक ऐसे आदरणीय महापुरुष थे, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र, राष्ट्र-भाषा और समाज को समर्पित कर दिया। अर्थ-शास्त्र,इतिहास और अन्तर्राष्ट्रीय विधि के यशस्वी विद्वान साँवलिया जी का दिव्य व्यक्तित्व अत्यंत आकर्षक और बहुआयामी था। वे एक महान स्वतंत्रता-सेनानी, वरेण्य हिन्दी-सेवी, स्तुत्य शिक्षाविद, आदर्श नेता और अनेकानेक साहित्यिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक संस्थाओं के संस्थापक-पोषक और परोपकारी साधु-पुरुष थे। 
यह बातें रविवार को, उनकी १२९वीं जयंती पर, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आयोजित समारोह और कवि-गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए,सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। डा सुलभ ने कहा कि,साँवलिया जी भारतीय विधि आयोग, बिहार राष्ट्र भाषा परिषद और बिहार विधान परिषद के भी माननीय सदस्य थे। उनका अखिल भारत वर्षीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन तथा बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन से भी, इसकी स्थापना के काल से ही, गहरा जुड़ाव था। वे १९२७ में, सोनपुर में आयोजित सम्मेलन के विशेष अधिवेशन के सभापति बनाए गए थे। 
इस के पूर्व समारोह का उद्घाटन करते हुए, सिक्किम के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा कि साँवलिया बिहारी लाल वर्मा जैसे महापुरुषों के त्याग और तपस्या से भारत स्वतंत्र और मज़बूत हुआ। उनकी बहुमुखी प्रतिभा और सेवाओं से देश और देश वासियों का बड़ा उपकार हुआ। उनको स्मरण कर हम स्वयं को ही लाभान्वित करते हैं। 
सम्मेलन के उपाध्यक्ष डा उपेंद्रनाथ पाण्डेय,  डा शंकर प्रसाद, डा कल्याणी कुसुम सिंह,  डा ध्रुव कुमार तथा डा बी एन विश्वकर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 
इस अवसर पर आयोजित कवि-सम्मेलन में, जिसका आरंभ वरिष्ठ कवयित्री आराधना प्रसाद की वाणी-वंदना से हुआ, वरिष्ठ कवि बच्चा ठाकुर, औरंगावाद से पधारीं मशहूर शायरा अंजुम आरा, डा पंकज वसंत, डा विद्या चौधरी, मधु रानी लाल, डा मेहता नगेंद्र सिंह, रामनाथ राजेश, डा शालिनी पाण्डेय, श्याम बिहारी प्रभाकर, डा रेखा भारती, लता प्रासर, कुमार अनुपम, शुभचंद्र सिन्हा, सुनील कुमार उपाध्याय, ई अशोक कुमार, मोईन गिरीडीहवी, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, एकलव्य केसरी, विशाल कुमार, कमल किशोर 'कमल', डा अंकेश कुमार, जय प्रकाश पुजारी, पं बाल कृष्ण उपाध्याय, अर्जुन प्रसाद सिंह तथा अजित कुमार भारती ने अपनी कविताओं का पाठ किया। अतिथियों का स्वागत सम्मेलन के प्रधानमंत्री डा शिववंश पाण्डेय ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन प्रबंध मंत्री कृष्ण रंजन सिंह ने किया। मंच का संचालन कवि ब्रह्मानन्द पाण्डेय ने किया।
समारोह में, सम्मेलन के अर्थ मंत्री प्रो सुशील कुमार झा, ज्ञानेशवर शर्मा, शशि भूषण कुमार, प्रवीर कुमार पंकज नरेंद्र कुमार झा, अमन वर्मा, दुःखदमन सिंह, श्री बाबू, नायला अंजुम, अमित कुमार सिंह आदि प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

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