प्यार नहीं लिखा जाता है शब्दों मे,
भाव व्यक्त नहीं हो पाता शब्दों में।दिल की बातें कब शब्द आधीन हुई,
आँखों की भाषा आँसू के शब्दों में।
अहसासों की भाषा धड़कन लगती है,
पवन संग आने की आहट लगती है।
जब जब उमड़े मेघ गगन, याद सताती,
हर चेहरे मे सूरत उसकी ही लगती है।
कभी हँसे तन्हाई में, भीड़ में निपट अकेले,
रात रात भर संग तुम्हारे, फिर भी रह अकेले।
नींद हमारी ख़्वाब तुम्हारे, फिर कैसे सो पाते,
अपनी चाहत उनकी ख़ुशियाँ, चाहे रहें अकेले।
डॉ अनन्त कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com