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प्यार नहीं लिखा जाता है शब्दों मे,

प्यार नहीं लिखा जाता है शब्दों मे,

भाव व्यक्त नहीं हो पाता शब्दों में।
दिल की बातें कब शब्द आधीन हुई,
आँखों की भाषा आँसू के शब्दों में।


अहसासों की भाषा धड़कन लगती है,
पवन संग आने की आहट लगती है।
जब जब उमड़े मेघ गगन, याद सताती,
हर चेहरे मे सूरत उसकी ही लगती है।


कभी हँसे तन्हाई में, भीड़ में निपट अकेले,
रात रात भर संग तुम्हारे, फिर भी रह अकेले।
नींद हमारी ख़्वाब तुम्हारे, फिर कैसे सो पाते,
अपनी चाहत उनकी ख़ुशियाँ, चाहे रहें अकेले।

डॉ अनन्त कीर्ति वर्द्धन
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