अहसास
शब्दगीत गजल
या
कविता
नही होते
अपितु
अहसास
शब्दों मे लिपटकर
सिमटकर
एक दूसरे से
चिपककर
गीत गजल
या
कविता
बन जाते हैं।
अहसास
अभिव्यक्ति हैं
शब्द
माध्यम।
सदैव
जीवन्त रखिये
अपने अहसास
सुख दुख
नफरत प्यार
जीवण मरण
अथवा
जुडाव अलगाव के
और
कीजिये व्यक्त
उचित अवसर पर
शब्दों मे लपेटकर
समेटकर
चिपका कर
अथवा सजाकर
अथवा
सिमट जाने दो
उन्हें
किसी डायरी के पन्नों मे
जीवन्त दस्तावेज
बनाकर।
अनन्त कीर्ति वर्द्धन
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