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लुटती अस्मत बहन बेटियों की भारी है,

लुटती अस्मत बहन बेटियों की भारी है,
धर्मान्तरण का खेल अभी भी जारी है।
नहीं किया गर ध्यान इस खेल पर तुमने,
भारत में अलग राष्ट्र निर्माण की तैयारी है।

कोई गौतम नाम धरे, खेल खेल रहे हैं,
हिन्दू से मुस्लिम का, खेल खेल रहे हैं।
कुछ पहन भगवा, चर्च की राह दिखाते,
यीशु को शिव भेष में, खेल खेल रहे हैं।

लगा दिया चर्च के ऊपर भगवा झंडा,
यीशु के हाथ थमा दिया भगवा झंडा।
यह तो सच है सब सनातन से निकले,
भगवे की ताकत लगा दिया भगवा झंडा।

नहीं तुम्हारे धर्म और संस्कृति की ताकत,
बहका सको हिन्दु को अपना धर्म बताकर।
रावण ने भी ब्राह्मण बन सीता हरण किया,
ताकत नहीं तुमने बदलो कुछ सच जताकर।

अ कीर्ति वर्द्धन

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