गुरुदेव का प्राकट्य दिवस राष्ट्रोत्कर्ष-दिवस का कार्यक्रम, भव्यता और सफलता के साथ संपन्न हुआ, इस कार्यक्रम के लिए जो अंशदान सहयोगी बंधुओं से प्राप्त हुआ उनको, जो तटस्थता भाव से बाहर नहीं आ सके , या जो साथ रहकर भी अपने स्वभाव अनुकूल (खीच-खीच ) टांग खिंचाई करते रहे सभी लोगों को गुरुदेव के तरफ से उनके कल्याण और उज्जवल भविष्य कि कामनाओं के साथ 21 वार108 माला का जाप कर गुरुदेव से प्रार्थना गया कि इन सभी का कल्याण हो गुरुदेव आपका आशीर्वाद और कृपा दृष्टि इनको प्राप्त हो । तदोपरांत रुद्राभिषेक जलाभिषेक , सुंदरकांड का पाठ, हनुमान चालीसा पाठ ,वैदिक गणित पर संभाषण,श्री गुरुदेव भगवान के प्राकट्य से वर्तमान पुरी पीठाधीश्वर पद पर रहते हुए सनातन धर्म और राष्ट्र के लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला गया इसके बाद भंडारा कार्यक्रम 2:00 बजे से प्रारंभ होकर रात लोगों के आगमन तक चलता रहा ।बिहार के लगभग प्रत्येक क्षेत्र से लोगों की उपस्थिति रही झारखंड से भी प्रतिनिधि के द्वारा कार्यक्रम में प्रतिनिधित्व किया गया। एक बात आश्चर्यजनक रहा है इस पूरे कार्यक्रम के संयोजन में वह यह है कि कुछ वैसे लोग नए उभर कर सामने आये जो पुरे परिदृश्य पर नजर बनाए हुए थे और आयोजक मंडली के अथक प्रयास तथा ग्रुप से जुड़े हुए व्यक्तियों के बीच तटस्थता की स्थिति को देखते हुये खुलकर सामने आ गए और अपने संपर्क के लोगों को जोड़कर 108 कि संख्या पूरा करने का काम किया । नए जुड़े लोगों और जिनके विशेष प्रयास से यह बन सका उनको भी गुरुदेव भगवान का विशेष आशीर्वाद और कृपा दृष्टि मिले यह भी कामना है ।
इस प्रकार यह प्रथम कार्यक्रम बिहार प्रांत के प्रांतीय कार्यालय में बहुत ही नई संभावनाओं के साथ संपन्न हुआ ।और बिहार में संगठन प्रकल्प और अभियान के लिए एक नया माहौल बनाने का भी यह प्रयास सफल रहा । इस कार्यक्रम के आयोजन का मूल उद्देश्य और भाव श्री गुरुदेव भगवान के प्रति दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना का भाव ही हम समस्त बिहार वासियों की तरफ से था ।
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