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बेटियां रूकती कहाँ हैं

बेटियां रूकती कहाँ हैं

माँ रोकती है बेटियों को, बेटियां रूकती कहाँ हैं,
माँ टोकती है बेटियों को, बेटियां सुनती कहाँ हैं?
चाहा पिता ने शालीनता से, बेटियां उसकी रहें,
आधुनिकता के दौर में, शालीनता चुनती कहाँ हैं?
हों निपुण घर काज में भी, माँ की चाहत थी यही,
घर गृहस्थी प्यार का, अहसास बेटी गुणती कहाँ हैं?
माँ की तमन्ना ससुराल में, परिवार भी भरपूर हो,
तन्हां रहने की ख्वाहिश, परिवार को चुनती कहाँ हैं?

अ कीर्ति वर्द्धन
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