नीरज के गीत पाठक मन को उद्वेलित करते हैं: सुरेश
हमारे दिव्य रश्मि संवाददाता अरविन्द अकेला की खबर
औरंगाबाद,(दिव्य रश्मि)।सदर प्रखंड स्थित ग्राम जम्होर में सामयिक साहित्य संवाद के तत्वाधान में आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित कवि एवं गीतकार गोपाल दास नीरज जी की पांचवीं पुण्यतिथि के अवसर पर सामयिक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए
संयोजक सुरेश विद्यार्थी ने संबोधन के क्रम में कहा कि गोपाल दास नीरज कवि सम्मेलनों के मंचों पर सशक्त काव्यवाचक के रूप में नजर आते थे। हिंदी सिनेमा में भी उन्होंने अपने गीत के माध्यम से सबको संवेदित एवं हर्षित करने का कार्य किया था। पद्मभूषण से सम्मानित गीतकार नीरज को हिंदी सिनेमा में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिए तीन बार पुरस्कृत किया गया था। उनके काव्य संग्रह विभावरी, प्राण गीत , दर्द दिया है,नीरज की पाती,गीत भी अगीत भी,नदी किनारे,लहर पुकारे,फिर दीप जलेगा आधुनिक हिंदी काव्य साहित्य के आधारभूत काव्य ग्रंथ के रूप में जाने जाते हैं। इनके गीत प्रेरक के रूप में पाठक के मन को उद्वेलित करते हैं। इनके शायराना अंदाज वाला गीत हृदय को झकझोरने वाला होता है कम शब्दों में बहुत सारा कुछ कहने का भाव मिलता है तो वह नीरज के पंक्तियों से मिलता है।
आज के संवाद कार्यक्रम में राम पुकार ओझा,राणा सुनील, गायक अमित कुमार सिंह,समाजसेवी कृष्ण कुमार सिंह,शिक्षक मधुसूदन त्रिवेदी,सोम प्रकाश एवं रविकर सौरव राज सहित अन्य उपस्थित थे।
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