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क्या करें रोमांस इनसे

क्या करें रोमांस इनसे

क्या करें रोमांस इनसे, जाने न इश्क का ककहरा,
नकली चेहरा, नकली हँसी, झूठी इनकी हर अदा।
दिखलाकर नकली अदायें, अमीरजादों से खेलती,
जेब पर इनकी निगाहें, बस यही इनका फलसफा।


इश्क करना हर उम्र में, दिल जवां होने की निशानी,
इसिलिए तो घर परिवार, बच्चों से इश्क करता रहा।
कुछ समय उपवन में जाकर, प्रकृति के सानिध्य में,
संस्कार संस्कृति सभ्यता, राष्ट्र से इश्क करता रहा।

अ कीर्ति वर्धन
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