चंद्रयान - 3 की सफलता
यों ही नहीं चंद्रयान - 3 सफलता ,कुछ कर गुजरने का रीत था ।
ईश्वर से भी हमको ये प्रीत था ,
चंद्रमा ये हमारा प्रिय मीत था ।।
यों ही नहीं चंद्रयान - 3 सफलता ,
चंद्रयान - 2 भी हम पटाए थे ।
जिसमें हुए थे हम असफल ,
तब गहरी चोट हम ये खाए थे ।।
चंद्रयान - 2 से मिला प्रथम सबक ,
दूसरा ताजा सबक दिया रूस ने ।
तीसरा हौसला हममें भरा था ,
हमारे वैज्ञानिकों की दिलखुश ने।।
चंद्रमा पर पहुंचे हम तो चतुर्थ हैं ,
दक्षिणी ध्रुव पर हम सर्वप्रथम ।
दूसरी योजना है सूर्य पहुंचना ,
होगी तैयारी लगाकर दमखम।।
वैज्ञानिकों का था अथक प्रयास ,
कोई बैठ कर रहा था खूब हवन ।
कोई अपनाया था पूजा अनुष्ठान ,
कोई कीर्तन भजन गायन श्रवन ।।
प्रयास रहा हमारे वैज्ञानिकों का ,
हमारे ईश्वर का भी तो प्यार रहा ।
विज्ञान विद्वान सब लगे पड़े थे ,
जीवन बहुत बड़ा यह सार रहा ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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