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अंत नहीं

अंत नहीं

हमारे गमों का देखो
कभी भी अंत नहीं होता।
हमारे जीवन का देखो
संघर्ष भी कम नहीं होता।
इसी को तो हम यारो
जिंदगी जीना कहते है।
जिसमें हर रस का
अलग ही आनंद होता है।।


जो डरता है संघर्षो से
समय से पहले मरता है।
और उसके जीवन का
कोई प्रमाण नहीं मिलता।
इसलिए इस जीवन को
जीओ तुम मौज मस्ती से।
बनाओ इस दुनियां में तुम
अलग पहचान अपनी तुम।।


रहोगे तुम जुझारू तो
जुबा पर नाम रहेगा।
लोगों के दिल दिमाग पर
तुम्हारा राज रहेगा।
जो जीते है संघर्ष से
उन्हें ही जीना आता है।
और इस मायावी दुनियां को
समझना बहुत आता है।।


बड़ी ये जालिम है दुनियां
जो किसी की भी नहीं होती।
जख्मों पर महल्म तो कम
नमक ज्यादा लगती है।
भरे बाजार में नंंगा
किसी को भी कर देती है।
फिर अपना बनकर भी
अपनो को लूट लेती है।।


जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना"
मुंबई
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