ईमान लाना यानि अपनी बुद्धि का नाश करना !
लेखक बृज नंदन शर्मा ( सत्यवादी )
कुरान में जगह जगह मुसलमानों को" ईमान वालो "सम्बोधित किया गया है , अज्ञान वश लोग इसका अर्थ " Believers " कर देते हैं , और समझते हैं कि ईमान वालों का आशय ऐसे लोग हैं जो एकहि अल्लाह की इबादत करते हैं ,और मुहम्मद को अल्लाह का रसूल मानते हैं ,लेकिन मुहमद ईमान के बहाने लोगों को ऐसी ऐसी बातों पर विश्वास करने को कहते हैं , जिनका न तो कोई अस्तित्व है और न उनको सिद्ध किया जा सकता है , जैसे फ़रिश्ते , जिन्न ,जन्नत , दोजख , हूरें इत्यादि , चूँकि इनके बारे में यहूदी और ईसाई धर्म की किताबों में लिखा हुआ है और अरब के लोग इनके बारे में जानते थे , इसलिए वह लोग मुहम्मद के झांसे में फंस कर मुस्लमान बन गए .चूँकि मुहम्मद जिहाद करके पूरे विश्व पर इस्लामी हुकूमत कायम करना चाहते थे ,और इसके उन्हें समझदार लोगों नहीं बल्कि ऐसे लोगों की जरुरत थी जिनमे बिलकुल बुद्धि नहीं हो , जो उनकी ऐसी निराधार, कल्पित , झूठी गप्पों पर भी ईमान लाएं , जिन पर मूर्ख और पागल भी विश्वास नहीं कर सकता.
1-विश्व का सबसे महान गप्पी
अगर हम मुहम्मद को इतिहास का सबसे बड़ा गप्पी कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी ,क्योंकि हमें पूरा विश्वास है कि यह लेख पूरा पढ़ कर आप मेरी बात पर सहमत हो जायेंगे . मुहम्मद साहब अपने जाहिल साथियों पर अपनी चतुराई का रुआब डालने , और दूसरे नबियों को नीचा दिखने के लिए गप्पों का सहारा भी लिया करते थे . ताकि मूर्ख लोग उनकी गप्पों पर वाहवाही करें .सभी हदीसों की किताबें मुहम्मद साहब की गप्पों से भरी पड़ी हैं , उसका एक नमूना देखिये .
2-मुहम्मद की गप्प का नमूना
यह सही बुखारी की प्रामाणिक हदीस है
"अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने बताया है , बनी इस्राइल के लोग नंगे होकर साथ में नहाते थे , और एक दुसरे को नंगा देखते थे .उसी समय वहां मूसा भी आये जो अकेले नहाने लगे . लोगों कहा मूसा हमारे साथ क्यों नहीं नहाते ,क्या उनके अंडकोष बहुत बड़े है . फिर जब मूसा ने अपने कपडे उतर कर एक चट्टान पर रख दिए , तो वह चट्टान उनके कपडे लेकर भागने लगी . मूसा नंगे ही उसके पीछे दौड़े , और कपडे वापिस मांगने लगे . लोगों ने उनको पहिचान लिया . बाद में जब कपडे मिल गए तो मूसा ने उस चट्टान को काफी मारा ."
" كَانَتْ بَنُو إِسْرَائِيلَ يَغْتَسِلُونَ عُرَاةً، يَنْظُرُ بَعْضُهُمْ إِلَى بَعْضٍ، وَكَانَ مُوسَى يَغْتَسِلُ وَحْدَهُ، فَقَالُوا وَاللَّهِ مَا يَمْنَعُ مُوسَى أَنْ يَغْتَسِلَ مَعَنَا إِلاَّ أَنَّهُ آدَرُ، فَذَهَبَ مَرَّةً يَغْتَسِلُ، فَوَضَعَ ثَوْبَهُ عَلَى حَجَرٍ، فَفَرَّ الْحَجَرُ بِثَوْبِهِ، فَخَرَجَ مُوسَى فِي إِثْرِهِ يَقُولُ ثَوْبِي يَا حَجَرُ. حَتَّى نَظَرَتْ بَنُو إِسْرَائِيلَ إِلَى مُوسَى، فَقَالُوا وَاللَّهِ مَا بِمُوسَى مِنْ بَأْسٍ. وَأَخَذَ ثَوْبَهُ، فَطَفِقَ بِالْحَجَرِ ضَرْبًا ". فَقَالَ أَبُو هُرَيْرَةَ وَاللَّهِ إِنَّهُ لَنَدَبٌ بِالْحَجَرِ سِتَّةٌ أَوْ سَبْعَةٌ ضَرْبًا بِالْحَجَرِ
Abu Huraira added,
Moses from taking a bath with us except that he has a scrotal hernia.' So once Moses went out to take a bath and put his clothes over a stone and then that stone ran away with his clothes. Moses followed that stone saying, "My clothes, O stone! My clothes, O stone! till the people of Bani Israel saw him and said, 'By Allah, Moses has got no defect in his body. Moses took his clothes and began to beat the stone."
Reference : Sahih al-Bukhari 278
In-book reference : Book 5, Hadith 30
English) reference : Vol. 1, Book 5, Hadith 277
दुनिया भर के ईमान वाले यानि मुसलमान इस हदीस को सच मानते हैं , इस से साबित होता है कि मुसलमानों की खोपड़ी में बुद्धि नाम की कोई चीज नहीं है , तभी तो वह बिना सोचे समझे जिहाद और आतंक फैलाते रहते हैं , समझदार व्यक्ति न तो मुहम्मद की ऐसी मूर्खता भरी हदीस पर विश्वास करेगा और न कभी जिहाद करेगा ,
(नोट -यह लेख हमारे लेख संख्या 200 /36 का पूर्वार्ध है ,पहले भाग में है अल्लाह सर्वदर्शी नहीं नग्न दर्शी है
" मूर्खता का कोई इलाज नहीं , और अक्लमंद को इशारा काफी होता है 27/08/2019
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