चांद पे तिरंगा है।
जहां कोई अभी तकपहुंच भी पाया नहीं,
उस चंद्र थल को
किया पवित्र गंगा है।
विश्व गुरू सदा रहा
सभी को पढ़ाया पाठ,
उसके समक्ष टिका
कौन सा अड़ंगा है।
ताकते ही रह गए
जहां के समस्त देश ,
किंतु देश भारत ने
काम किया चंगा है।
'चंद्रयान-तीन' ने
किया यह अनूठा काम
'विक्रम' ने फहराया
चांद पे तिरंगा है।
*~जयराम जय,कानपुर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com