Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

चांद पे तिरंगा है।

 

चांद पे तिरंगा है।

जहां कोई अभी तक
पहुंच भी पाया नहीं,
उस चंद्र थल को
किया पवित्र गंगा है।


विश्व गुरू सदा रहा
सभी को पढ़ाया पाठ,
उसके समक्ष टिका
कौन सा अड़ंगा है।


ताकते ही रह गए
जहां के समस्त देश ,
किंतु देश भारत ने
काम किया चंगा है।


'चंद्रयान-तीन' ने
किया यह अनूठा काम
'विक्रम' ने फहराया
चांद पे तिरंगा है।
*~जयराम जय,कानपुर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ