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नेताजी सुभाष चन्द्र बोस

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस

(भारतीयों के हृदय सम्राट, लोकाभिराम- जननायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन )


थे हिन्द के सपूत तुम , हिन्द की थे शान तुम,नाम हिन्द का बुलंद कर चले गए


देश प्रेम से भरे हुए निर्भीक,निडर, पराक्रमी थे, कुर्सी के लालची नेताओं से छले गए


काल तुम्हारे चरण चूमता तुम कालजयी थे, फिर क्यों साथ काल के चले गए


संपूर्ण देश तुम्हारा दीवाना था तुम बतलाते तो, किन जयचंदों के हाथों छले गए


उद्घोष तुम्हारा था , वह लहू किस मतलब का, जिसमें बहती नहीं रवानी है


जिसके स्पंदन नहीं हृदयों में देशभक्ति का उबाल नहीं, रक्त नहीं वह पानी है


तुम्हें सिंहासन की थी चाह नहीं , बन्धन मुक्त कराना भारत माता को लक्ष्य रहा


दुश्मन को खूब छकाया जीवन अपना दाॅ॑व लगा कर, देश आजाद कराना लक्ष्य रहा


कुछ जीवित ही मर जाते हैं कुछ मर कर भी अमर रहा करते हैं


कुछ परवाने होते आप सरीखे ,जो जिंदा - मुर्दा काम देश के आया करते हैं


कालचक्र होता अति प्रबल है , तूफ़ानों से पर्वत विशाल झुक जाया करते हैं


नेताजी सुनकर नाम आपका ,ना जाने कितनों के सिंहासन हिल जाया करते हैं


रंगून की धरती से भारत की आज़ादी हित, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा मांगी थी


यहां लाखों देशभक्तों ने शीश काटकर अपना, माला आपके अभिनंदन को गूंथी थी


गांधी-नेहरू विचार युति से किया किनारा , आजाद हिंद फौज का निर्माण किया था


सशस्त्र युद्ध में अंग्रेजो से , रंगून ,कोहिमा, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह मुक्त किया था


तुम्हारे ओज तेज दर्शन से अभिभूत रहेगा भारत का हर घर


नेताजी तुम भारत मॉ॑ के वीर सपूत थे हृदयों में रहोगे सदैव अमर


आपकी ओजस्वी वाणी और विचार,हर युवा का ह‌दय स्पंदन करते हैं


हम सब भारत वासी रहेंगे ऋणी आपके, कोटि कोटि नमन वंदन करते हैं

विश्वासों के दीप जलाकर, भारत तुम्हें पुकार रहा


आकर राह दिखाओ, राष्ट्र राह आपकी जोह रहा


जाग उठे राष्ट्र प्रेम देश में,हर हृदय में ज्वाला जागे


जागे देश का गौरव,कुंठाओं का कौरव दल भागे


पावन सुरसरि की धार बहे, वैभवशाली हो देश हमारा


कोटि-कोटि अभिनंदन वंदन करता है, संपूर्ण देश तुम्हरा


जय हिन्द - वन्देमातरम
जय सुभाष


चंद्रप्रकाश गुप्त "चंद्र"
(ओज कवि एवं राष्ट्रवादी चिंतक)
अहमदाबाद, गुजरात
************* सर्वाधिकार सुरक्षित
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