खत्म हुआ सावन, इस शिवमंदिर की सुध नही
जिला सुधार समिति पटना के महासचिव श्री राकेश कपूर ने बतायाकि ऐतिहासिक धरोहरों से सुसज्जित यह प्राचीन शहर कभी अध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शिक्षा का केन्द्र रहा था। लेकिन इसे यहां के चंद लोगों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए नष्ट कर दिया है और लगातर किए जा रहे हैं।
इसी कड़ी में मैं पटना सिटी के बाशिंदों का ध्यान फुलौड़ी गंज (केशव राय घाट,फुलौड़ी गली) चौक,पटना सिटी स्थित अति प्राचीन शिव मंदिर की ओर आकृष्ट करना चाहता हूं। 18वीं शाताब्दी से पूर्व का यह प्रचीन मंदिर अतिक्रमणकारियों का शिकार होकर अपनी नियति पर आंसू बहा रहा है।
मालूम हो कि मंदिर की सेवा श्री गोसाई जी महराज करते थे। 1857 के गदर के बाद इस मंदिर के उद्धार एवं नवनिर्माण हेतु शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति और शिवभक्त बाबू जगन्नाथ चौधरी को मंदिर का सेवायत नियुक्तकर श्री गोसाई जी महराज तपस्या के लिए अन्यत्र चले गये।
बाबू जगन्नाथ चौधरी ने इस मंदिर को भव्य बनाकर इसके पूजा-पाठ एवं अन्य के खर्चों की व्यवस्था के लिए पूर्व की योजना को आगे बढ़ाते हुए हुए कुछ रियाईशी मकानों के साथ दूकानों का निर्माण भी कराया। जिसे गोसाई कटरा के नाम से जाना गया।
बाबू जगन्नाथ चौधरी ने एक रजिस्टर्ड वसीयत 5 -3 -1903 को तैयार किया जिसके मुताबिक इस मंदिर की देख-रेख उनकी दोनों बेटियां और बाद में इनके वंशज करेंगे। लेकिन वे सेवायत होंगे, मालिक नहीं।
आगे चलकर बाबू जगन्नाथ चौधरी के वसीयत का उल्लंघन करते हुए इनकी बेटियों के वारिसों ने बिना किसी कानूनी अधिकार के जमीन हेम नारायण झुनझुनवाला वल्द लक्ष्मी नारायण झुनझुनवाला व अन्य से बिक्री कर दी!
कालांतर में हेम नारायण झुनझुनवाला और अन्य ने मंदिर के चारों ओर की जमीन किसी तरह खरीदकर मंदिर को चारों ओर से घेर दिया और आम लोगों को भगवान के पूजा व दर्शन से वंचित कर दिया। साथ ही मंदिर के ऊपर लगा सोने का वजनी गुबंद तोड़ कर मंदिर को गुबंदविहिन कर दिया। सोना तो बेच ही दिया सभी रास्ताें को भी बन्द कर दिया।
मंदिर घेरकर बन्द करने के बाद उन्होंने भव्य जनता होटल, भगवती लक्ष्मी बाजार प्लाट पर बना लिया और ऊपर के तल्ले को हेम प्लाजा नाम दिया। इस मार्केट से दस लाख रूपये से भी ज्यादा हर महिनों का का लाभ ऊठा रहें हैं वर्तमान में यह जागीर के मालिक सुभाष झुनझुनवाला हैं। मंदिर बाबू जगन्नाथ चौधरी के नाती स्व०रामचन्द्र जायसवाल के घर के प्रांगण में सिमट कर बन्द हो गया। अब वे इसे निजी मंदिर के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं। जनता भगवान शिव के दर्शनों से वंचित है।
यह मामला बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के संज्ञान में आने के उपरान्त दसको बाद एक मंदिर पर छोटा गुबंद लगाकर पहली वार उसकी रंगाईपुताई हुई, केसवराय की ओर से लोहा ग्रील का छोटा खिड़की नुमा दरबाजा लगाया फिर प्लास्टिक सीट से ढक दिया जिसे देखा जा सकता है।
पटना जिला सुधार समिति धार्मिक न्यास पर्षद से यह मांग करती है कि शिव मंदिर, फुलौड़ी गंज की सुनवाई हो चुकी हो तो निर्णय आदेश जल्द निर्गत कर मंदिर को सार्वजनिक करते हुए जनता के दर्शनार्थ खोला जाए साथ ही इसकी बेची गयी जमीन का उपयोग जनहित में किया जाए। विशेष कर पुरातत्व विभाग से अनुरोध है कि वे इस मंदिर व मूर्ति की प्राचीनता का पता कर यश के भागी बनें।
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