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मिशनरीज़ पर थोड़ा सा, प्रतिबंध लगा दो,

मिशनरीज़ पर थोड़ा सा, प्रतिबंध लगा दो,

लालच से धर्मांतरण, थोड़ा अंकुश लगा दो।
हिंसक शराबी कवाबी, सनातन को कोसते,
फैल रहीं असहिष्णुता पर, चाबुक लगा दो।


सनातन की बात की तो क़यामत आ गयी,
मन्दिर का निर्माण हुआ तो आफ़त आ गयी।
करवाते रहे धर्म परिवर्तन, सत्ता की शह पर,
मूल धर्म में कुछ की वापसी, तो शामत आ गयी।


मज़ार पर चादर चढ़ा, दुआ माँगना विज्ञान है,
चर्च में मोमबत्ती जला, प्रार्थना भी विज्ञान है।
इष्ट का स्मरण, सत्य से अवगत कराना पाप,
सनातन आस्था अंधविश्वास, ये विज्ञान है।


तर्क की कसौटी पर सब कुछ कसा है,
नीम तुलसी पीपल सच इसमें बसा है।
दौर में समझाने का तरीक़ा कुछ अलग,
पीपल के भूत में तर्क का विज्ञान ठसा है।


आँख के अन्धे यह सब जानते हैं,
निरक्षर या साक्षर सब मानते हैं।
स्वार्थ में अन्धे कुछ लालची घूमते,
सनातन पर सदैव प्रश्न तानते हैं।


इतिहास से धूल हट रही है धीरे धीरे,
सनातनी सच सामने आ रहा धीरे-धीरे।
अंधविश्वास जादू टोनों का कथित देश,
विश्व गुरु बन रहा है फिर से धीरे धीरे।


हो रहे कुछ भयातुर यह सोचकर,
जाग रहा हिन्दुत्व यह सोचकर।
वेद पुराणों का महत्व समझ रहे,
आक्रांता व्याकुल हैं यह सोचकर।

अ कीर्ति वर्द्धन
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