सितंबर 2023 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत एवं त्यौहार
2 सितंबर शनिवार को कजरी तीज का त्यौहार मनाया जाएगा।
3 सितंबर रविवार को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।
5 सितंबर मंगलवार को भगवान श्री बलराम जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। आज ही शिक्षक दिवस है। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
6 सितंबर बुधवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत गृहस्थों के लिए मान्य होगा शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की मध्य रात वृषभ लग्न, रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में बुधवार की रात को हुआ था।
इस वर्ष यह उत्तम सहयोग आज 6 सितंबर को मिल रहा है। आज मध्य रात्रि में अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, बुधवार का दिन, वृषभ राशि और वृषभ लग्न सारे संयोग एक साथ प्राप्त हो रहे हैं। अतः प्रत्येक गृहस्थ आश्रमवासी को चाहिए कि आज के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाएं और व्रत का पालन करें।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करना करोड़ों एकादशी व्रत करने के बराबर माना जाता है। सभी देशवासियों को, दिव्य रश्मि के सभी सदस्यों और दिव्य रश्मि पत्रिका के पाठकों को एवं विश्व भर के सभी श्री कृष्ण भक्तों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान श्री कृष्ण की कृपा हम सबको सदैव प्राप्त होती रहे।
7 सितंबर गुरुवार को वैष्णवों के लिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत होगा। साधु ,संत,संन्यासी और वैष्णव जन भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद उनका जन्मोत्सव मानते हैं।
8 सितंबर शुक्रवार को गोगा नवमी है।
10 सितंबर रविवार को जया एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा। इसे अजा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
11 सितंबर सोमवार को गोवत्स द्वादशी होगा। जिसे बछबारस के नाम से भी जाना जाता है।
12 सितंबर मंगलवार को प्रदोष व्रत होगा। जिसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है।
13 सितंबर बुधवार को मासिक महाशिवरात्रि का व्रत होगा। आज के दिन इस तिथि को अघोर चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। आज अघोराचार्य का जन्म उत्सव भी है।
14 सितंबर गुरुवार को स्नान दान श्रद्धा की अमावस्या है। इसे पिठोरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इसका एक और नाम कुशोत्पाटिनी अमावस्या भी है। आज के दिन #ओम् हुं फट्कार# मंत्र बोलते हुए कुश को उखाड़ कर लाना अथवा कुछ को खरीद कर लाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस कुश को घर में रखकर पूरे वर्ष पूजन कार्य में प्रयोग में लाया जाता है।
कुशोत्पाटिनी मंत्र:ओम कुशाग्रे वसते रुद्र कुश मध्ये तु केशव:। कुशमूले वसेद् ब्रह्मा कुशान् मे देहि मेदिनी।
15 सितंबर शुक्रवार को स्नान दान की दर्श अमावस्या है।
16 सितंबर शनिवार को चंद्र दर्शन है।
17 सितंबर रविवार को विश्व के निर्माण करता विश्व शिल्पी भगवान श्री विश्वकर्मा जी का जन्मोत्सव पूरी दुनिया में बड़ी श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया जाएगा। आज श्री शंकर देव की जन्मतिथि भी है। आज भगवान वराह की जयंती भी मनाई जाएगी।
18 सितंबर सोमवार को सनातन संप्रदाय में सौभाग्यशाली सुहागन स्त्रियों के लिए वर्ष का सर्वश्रेष्ठ व्रत हरितालिका व्रत जिसे तीज व्रत के नाम से भी जाना जाता है आज मनाया जाएगा। अपने पति की मंगल कामना करते हुए, उनके दीर्घ जीवन की कामना करते हुए आज सुहागन स्त्रियां व्रत पालन करती हैं और मां भगवती जगत जननी माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना करती हैं। भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए स्त्रियां आज के दिन निर्जला व्रत धारण करती हैं।
19 सितंबर मंगलवार को श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा। भाद्रपद मास के संचालक भगवान श्री गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना आज से आरंभ होगी। जिसे गणेश दशहरा के नाम से भी जाना जाता है। आज के इस दिवस को वैनायकी वरद् श्री गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
आज से 10 दिनों तक चलने वाले श्री गणेश उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।
भारतवर्ष के महाराष्ट्र प्रांत में इस गणेश दशहरा का विशेष महत्व है। इस अवसर पर महाराष्ट्र प्रांत के प्रायः सभी घरों में भगवान श्री गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना होती है। लगभग प्रत्येक घर में छोटी से लेकर बड़ी श्री गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है और डेढ़ दिन से लेकर 11 दिनों तक उनकी विशेष पूजा अर्चना बड़े धूमधाम से श्रद्धा भक्ति युक्त होकर की जाती है। इस गणेश उत्सव को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने समाज को एकता के सूत्र में बांधने के लिए आरंभ किया था। गणपति बप्पा मोरया!! मंगल मूर्ति मोरया!! की गूंज पूरे महाराष्ट्र और पूरे देश में सभी घरों से सुनाई देगी।
20 सितंबर बुधवार को श्री ऋषि पंचमी का व्रत होगा।
21 सितंबर गुरुवार को लोलार्क षष्ठी व्रत होगा।
22 सितंबर शुक्रवार को ललिता सप्तमी है।
आज से महालक्ष्मी का व्रत पूजा आरंभ होगा। काशी के लक्ष्मी कुंड में स्नान करके इस व्रत को आरंभ किया जाता है।
आज श्री राधा अष्टमी का व्रत भी होगा। वृंदावन में राधा रानी का महा अभिषेक किया जाएगा। कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण के जन्माष्टमी के 15 दिनों बाद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी का जन्म हुआ था। अर्थात भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म और भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री राधा रानी का जन्म हुआ था।
श्री राधा अष्टमी के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। राधा रानी की कृपा हम सब पर सदैव बनी रहे। हरे कृष्णा!! राधे राधे!!
24 सितंबर रविवार को दशावतार व्रत होगा।
25 सितंबर सोमवार को पद्मा एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा। बिहार और झारखंड प्रांत में कर्मा एकादशी के रूप में इसे मनाया जाता है। मध्य प्रदेश में इसे इसे डोल ग्यारस के नाम से जाना जाता है।
26 सितंबर मंगलवार को दोपहर के समय भगवान वामन का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
इसे वामन द्वादशी के नाम से भी जाना जाता है। आज के ही दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से पृथ्वी को स्वतंत्र कराया था।
27 सितंबर बुधवार को प्रदोष व्रत होगा।
28 सितंबर गुरुवार को व्रत की पूर्णिमा होगी। आज दोपहर के समय अनंत भगवान की विशेष पूजा की जाएगी और पूजन के पश्चात अनंत के सूत्र पुरुष अपनी दाहिनी भुजा पर और स्त्रियां अपनी बाईं भुजा पर धारण करेंगी। इसे अनंत चतुर्दशी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। आज के ही दिन पिछले 10 दिनों से चल रहे श्री गणेश दशहरा अर्थात् श्री गणेश उत्सव का समापन होगा। घरों से लेकर पंडाल तक की सभी गणेश प्रतिमाओं का जल विसर्जन किया जाएगा।
29 सितंबर शुक्रवार को स्नान दान की पूर्णिमा होगी।
आज से ही महालया आरंभ हो जाएगा। आज नांदी श्राद्ध है। आज से ही पितृपक्ष आरंभ हो जाएगा।
विशेष टिप्पणी:
14 सितंबर गुरुवार की शाम 6:31 पर भगवान सूर्य उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिसके कारण बादलों का घिराव होगा और तेज हवा के साथ सामान्य वर्षा होने के सहयोग मिल रहे हैं।
5 सितंबर के आसपास भी वर्षा होने की संभावना बन रही है। 12 सितंबर से आसन्न वृष्टि होने के योग बन रहे हैं।
भगवान सूर्य अपनी वर्तमान सिंह राशि को छोड़कर 17 सितंबर रविवार की रात 4:11 पर कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
28 सितंबर गुरुवार को सुबह 9:39 पर भगवान सूर्य हस्त नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिसे आम बोलचाल की भाषा में हथिया नक्षत्र भी कहा जाता है। इस नक्षत्र के प्रभाव से सभी जगह बहुत अच्छी वर्षा होती है।
इस महीने में सूर्य संक्रांति और हस्त नक्षत्र के सूर्य के प्रभाव से सर्वत्र अच्छी वृष्टि होने के संकेत मिल रहे हैं। कुल मिलाकर भाद्रपद महिना लाभकारी और शुभकारी है। प्रायः सभी के लिए शुभ फलदायक है।
इति शुभमस्तु!!कल्याणमस्तु!!
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