जो हुआ अब तक वह, वक्त के आधीन है,
अब जो होगा सोचकर, कर्म के आधीन है।बुद्धि और कर्म दोनों साथ लेकर जब चलेंगे,
गीता में कहा कृष्ण ने, सब मेरे आधीन है।
कर्म करना मात्र ही पर्याप्त नहीं होता,
बिन विचारे कर्म करना कर्म नहीं होता।
सरहद पर दुश्मन की हत्या श्रेष्ठ कर्म,
निज दुश्मनी में हत्या सतकर्म नहीं होता।
अ कीर्ति वर्द्धन
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