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लगता है चुनाव आने वाले हैं ,

लगता है चुनाव आने वाले हैं ,

बड़े - बड़े वादों की गूँज सुनाई दे रही है ,
लगता है चुनाव आने वाले हैं ।
गली - गली में नेताओं संग टोली घूम रही है ,
शब्दों में नेताओं के मानों शक्कर घुली हुई है,
दलितों क घर जाकर भोजन हो रहा है,
लगता है चुनाव आने वाले है।
हर नेता बुन रहा हम दर्दी का ताना बाना है,
हर नेता को लोगों से वोटों का आशीर्वाद लिए जाना है,
पाँच सालों में हम ने भी सरकार को ख़ूब जाना है,
हर विपक्षी नेता को चल रही सरकार को गलत ठहराना है,
लगता है चुनाव आने वाले है ।
बुज़ुर्गों के पेर छुए जा रहे हैं,
बच्चों को चॉक्लेट बाँटी जा रही है ,
ओर कह रहे हैं बेटा घर जा कर कहना वोट अंकल को ही देना ,
लगता है चुनाव आने वाले हैं ।
हर नेता एक दूसरे की कमियाँ गिना रहा है,
हर नेता वादों के जुमलों में जनता को फंसा रहा है,
नोटबंदी की थी सरकार ने
हम वोटबंदी कर दे तो ,
सरकार अपनी उपलब्धि गिना रही है ,
विपक्षीय मौजूदा सरकार की नाकामी गिना रहे हैं,
एक थे जो दस सालों में कुछ बोले ही नहीं,
और एक है जो बोल-बोल कर पुरी दुनिया हिला रहे हैं,
हर नेता अपनी राग गा अपनी डफली बजा रहा है,
लगता है चुनाव आने वाले हैं ,लगता है चुनाव आने वाले हैं ।
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