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बहुत मुश्किल है किसी के जज्बात समझ पाना,

बहुत मुश्किल है किसी के जज्बात समझ पाना,

इश्क़ की बात, खामोश लबों से समझ पाना।
इश्क सीरत से किया जाता है, सूरत से नहीं,
बहुत मुश्किल है इश्क, हसीनों को समझ पाना।


जो हुस्न की महफ़िल सजाये बैठे हैं,
पतंगों की आस में समां जलाये बैठे हैं,
वो क्या जाने इश्क और वफ़ा क्या है,
जो साकी को ही जाम पिलाये बैठे हैं।

अ कीर्ति वर्द्धन
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