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आत्मसम्मान

आत्मसम्मान

आत्मसम्मान हमारे जीवन की धुरी,
इसकी महत्ता है जीवन में अमूल्य,
स्वयं को पहचानो, स्वयं को जानो,
यही है आत्मसम्मान गुण का मूल।


समय की बाधा, जीवन की राह,
आत्मसम्मान से आता है साहस,
सफलता के शिखर छूने के लिए,
आत्मविश्वास का हो हमें अभ्यास।


जीवन संग्रामों में अटल सदा खड़े रहो,
सीखो हार से, जीत से ज्ञान,
आत्मसम्मान, हर चुनौती का समाधान,
सफल एवं खुशहाल जीवन का विधान।


समस्त परिस्थितियों में विश्वसनीय साथी,
स्वयं में विश्वास की अपराजेय शक्ति से,
आत्मसम्मान को जगाओ और बढ़ाओ,
सर्वप्रथम स्वयं को सच्चा मानव बनाओ।


जीवन में आत्मसम्मान की महत्ता समझो,
जीवन में इसको दो आप सर्वोच्च स्थान,
जीवन मार्ग का लक्ष्य हो ये आत्मसम्मान ,
बन जाओ खुद के साथ एक सच्चा मान।


स्वरचित एवं मौलिक पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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