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नवंबर 2023 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार

नवंबर 2023 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार

लेखक: रवि शेखर सिन्हा उर्फ आचार्य मनमोहन ज्योतिष मार्तंड एवं जन्म कुंडली विशेषज्ञ।
मैं आप सबको और आप सबके हृदय में विराजमान ईश्वर को प्रणाम करता हूं और धन्यवाद करता हूं। इस वर्ष 2023 ईस्वी में पूरे नवंबर महीने में हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक का महीना होगा। कार्तिक माह और कार्तिक माह के अधिपति देवी देवताओं को नमन करते हुए और प्रणाम करते हुए आइए बात करते हैं नवंबर 2023 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों के बारे में। कार्तिक मास भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। कार्तिक मास की बहुत महत्व है। शास्त्रों में इसे सर्वश्रेष्ठ माह बताया गया है। इस महीने में बहुत से साधक और श्रद्धालु कार्तिक स्नान करते हैं। जिसमें पूरे कार्तिक महीने सूर्योदय से पूर्व स्नान करने की परंपरा है। कार्तिक मास में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ और सबसे बड़ा त्यौहार छठ का व्रत बहुत ही प्रसिद्ध है। कार्तिक मास में विश्व भर में दीपावली का अर्थात् दीप उत्सव का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। कार्तिक मास में भैया दूज, भगवान श्री चित्रगुप्त का पूजन, अक्षय नवमी का त्यौहार भी श्रद्धा भक्ति पूर्वक बनाया जाता है। इस मास में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को चातुर्मास समाप्त होता है। अर्थात् भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत होकर सृष्टि का कार्य भार संभालते हैं। जिसे देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
इसी कार्तिक महीने में तुलसी विवाह भी बड़े श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया जाता है।
धर्मशास्त्र आयुर्वेद के मत के अनुसार कार्तिक महीने में डिटल अर्थात दाल और तक्र अर्थात् मट्ठा का सेवन नहीं करना चाहिए।


1 नवंबर बुधवार को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा। अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए सुहागन स्त्रियां करवा चौथ का व्रत भी रखती है।


5 नवंबर रविवार को अहोई अष्टमी का व्रत होगा। आज मतांतर से श्री राधा रानी का जन्म उत्सव भी मनाया जाएगा। राधा अष्टमी के नाम से इस त्योहार को मनाया जाता है।


9 नवंबर गुरुवार को रंभा एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा।


10 नवंबर शुक्रवार को प्रदोष व्रत होगा।
आज प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी के कारण अर्थात् दोपहर के बाद त्रयोदशी तिथि मिल जाने के कारण धन त्रयोदशी अर्थात् धनतेरस का प्रसिद्ध पर्व आज ही मनाया जाएगा। धनतेरस पर नए बर्तन, सोना, चांदी, धातु, वस्त्र इत्यादि खरीद कर घर में लाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
धन ऐश्वर्य की वृद्धि की कामना से माता महालक्ष्मी की विधिवत पूजा सायं काल, प्रदोष काल में, स्थिर लग्न वृषभ लग्न में किया जाएगा।


11 नवंबर शनिवार को मासिक शिवरात्रि का व्रत होगा।
आज नरक चतुर्दशी है। आज ही सायंकाल मेष लग्न में श्री हनुमान जी का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा।
आज सायं काल से लेकर दूसरे दिन अर्थात् प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व श्री हनुमान जी का दर्शन अवश्य करना चाहिए।


12 नवंबर रविवार को प्रदोष काल एवं रात्रि में अमावस्या तिथि मिलने के कारण दीपावली का विश्व प्रसिद्ध पर्व मनाया जाएगा।


13 नवंबर सोमवार को स्नान दान श्रद्धा की अमावस्या है। सोमवार को अमावस्या तिथि मिलने के कारण सोमवती अमावस्या का व्रत भी आज ही होगा।


14 नवंबर मंगलवार को स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जिसे बाल दिवस के नाम से जाना जाता है।आज अन्नकूट गोवर्धन पूजा है।


15 नवंबर बुधवार को चंद्र दर्शन है। आज काशी सहित देश भर में गोवर्धन पूजा और भाई दूज का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा।
कायस्थ समाज के लोग भगवान श्री चित्रगुप्त की विशेष पूजा अर्चना करते हैं।




17 नवंबर शुक्रवार को वैनायकी की श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।
आज से चार दिनों तक चलने वाला भगवान सूर्य का विशेष पावन पर्व, छठ पर्व का अर्थात् सूर्य षष्ठी व्रत का आरंभ होगा। आज स्नान ध्यान और सात्विक भोजन का, छठ व्रत का प्रथम दिवस है।


18 नवंबर शनिवार को ज्ञान पंचमी है। जिसे जैन समुदाय वाले विशेष रूप से मनाते हैं। आज के दिन को लाभ पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। पांडव पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। आज सूर्य षष्ठी अर्थात् छठ व्रत का दूसरा दिन है। दिन भर निर्जला व्रत रखकर सूर्यास्त के बाद खीर का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। जिसे खरना और कहीं-कहीं लोहंडा के नाम से भी जाना जाता है।


19 नवंबर रविवार को सूर्य षष्ठी अर्थात् छठ व्रत का अस्ताचल गामी सूर्य पूजा और अर्घ्य का पुनीत पर्व मनाया जाएगा तथा रात भर कठिन तप पूर्ण प्रतिक्षा के बाद पूर्णतः निर्जला उपवास रखकर अगले दिन सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य समर्पित करके इस व्रत को पूर्ण किया जाएगा।
आज स्कंद षष्ठी भी है।


20 नवंबर सोमवार को सूर्य षष्ठी अर्थात् छठ व्रत का सूर्योदय कालीन अर्घ्य के बाद व्रत का समापन होगा और छठ व्रत के साधक अन्न, जल ग्रहण करके व्रत का पारण करेंगे।


21 नवंबर मंगलवार को अक्षय नवमी का व्रत होगा। आज के दिन आंवला वृक्ष की पूजा और आंवला वृक्ष की छाया में बैठकर भोजन बनाना, भोजन करना अत्यंत श्रेष्ठ फलदायक माना जाता है। आज के दिन कद्दू अर्थात् कुष्मांड में छुपा कर रत्न, द्रव्य और धातु इत्यादि का दान, गुप्त दान के रूप में किया जाता है और श्री हरि विष्णु भगवान की पूजा अर्चना की जाती है।
आज के दिन दान करने पर अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।


23 नवंबर गुरुवार को श्री हरि प्रबोधिनी एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा। इसे देवोत्थान एकादशी के नाम से अथवा दिठवन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
आज के दिन श्री हरि भगवान विष्णु योग निद्रा को त्याग कर सृष्टि के पालन का कार्य पुनः आरंभ करते हैं। आज इक्षु रसपान का विशेष महत्व है। अर्थात् गन्ने के रस का सेवन करना आज के दिन श्रेष्ठ माना जाता है। आज के दिन सुबह 9:28 से पहले अर्थात् भद्रा आरंभ होने के पहले ही गन्ने का रसपान करके इस शुभ पर्व का पूर्ण लाभ प्राप्त किया जा सकता है।


24 नवंबर शुक्रवार को प्रदोष व्रत होगा। इसे गोवत्स द्वादशी के नाम से भी जाना जाता है और आज से चातुर्मास समाप्त हो जाएगा।


26 नवंबर रविवार को व्रत की पूर्णिमा होगी।


27 नवंबर सोमवार को स्नान दान की पूर्णिमा है। आज सिख समुदाय के नवें गुरु, गुरु नानक जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
काशी में आज के दिन देव दीपावली का महोत्सव मनाया जाता है।


28 नवंबर मंगलवार को 1 महीने से चला आ रहा कार्तिक स्नान व्रत आज पूर्ण हो जाएगा। आज से मार्गशीर्ष माह आरंभ हो जाएगा।


30 नवंबर गुरुवार को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।


विशिष्ट टिप्पणी: 7 नवंबर मंगलवार को दिन के 3:19 पर भगवान सूर्य विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिसके कारण शेयर बाजार सहित चांदी, सोना, रस पदार्थ, सूती वस्त्र एवं मादक द्रव्यों में तेजी का झटका रहेगा। देश के दक्षिण पूर्वी हिस्से में समुद्री तूफान आने की संभावना है।
17 नवंबर शुक्रवार को दिन में 1:07 पर भगवान सूर्य अपनी वर्तमान तुला राशि को छोड़कर मंगल की साधारण राशि वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। यह अत्यंत शुभ फलकारक है ।
20 नवंबर सोमवार को रात 8:15 पर भगवान सूर्य विशाखा नक्षत्र को छोड़कर अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। जिसके कारण आर्थिक जगत में तेजी दिखाई देगी‌ अर्थात् शेयर बाजार अपनी चरम ऊंचाई पर होगा।
इति शुभमस्तु!!कल्याणमस्तु!!
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