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हुई आवश्यकता वायु आक्रमण की

आज वायुसेना दिवस की समस्त माताओं बहनों एवं बंधुओं को सपरिवार हार्दिक बधाई एवं बहुत बहुत शुभकामनाएं ।

हुई आवश्यकता वायु आक्रमण की ,

आर्मी सहयोगी की तब हुई स्थापना ।
था तो तब यह ब्रिटिश का सहयोगी ,
1947 ई बाद हुआ भारतीय आपना ।।
वायु सेना नामकरण हुआ था तब ,
8 अक्तूबर 1932 हुआ स्थापना दिवस ।
यों तो हर देश हमारे ही मित्र हैं होते ,
केवल दुश्मनों हेतु ही होता यह विवश ।।
महा वीर पराक्रमी यह वायु सैनिक ,
मात खाना कभी नहीं यह तो सीखा है ।
मारता या शहीद होता है वह रण में ,
दुश्मन के आगे कभी नहीं वह चीखा है ।।
आगे जब बढ़ता कोई भी है दुश्मन ,
तब लेता यह वायु सैनिक है उड़ान ।
वार करता तब यह वायु से सैनिक ,
ध्वस्त करता दुश्मनों के तब लड़ाकू विमान ।।
जरूरत पड़ी है जब भी वायु सेना की ,
तब तब वायु से ही आग बरसाया है ।
मुड़कर पीछे नहीं देखा है कभी भी ,
दुश्मनों को ही वह मारकर भगाया है ।।
भारतीय वायु सैनिक होते हैं बहादुर ,
वार में कभी चुकते नहीं हैं वायु सेना ।
सदा दुश्मनों को ही हैं धूल वे चटाते ,
दुश्मनों को सदा बनाते वे निज चबेना ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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