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माॅं शैलपुत्री

माॅं शैलपुत्री

आज शुभ नवरात्रि के शुभ प्रथम दिवस में माॅं आदिशक्ति के प्रथम रूप माॅं शैलपुत्री को सादर सहृदय नतमस्तक करजोड़ कर चरणों में प्रणाम और समस्त माताओं बहनों एवं बंधुओं को सपरिवार प्रथम दिवस की हार्दिक बधाई एवं बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
होत प्रभात आज शनि दिवाकर ,
माॅं शैलपुत्री को सादर ले आए ।
स्वकिरणें बिखेरने से भी पहले ,
माॅं शैलपुत्री को घर घर बैठाए ।।
प्रथम नमन मेरा शनि रवि को है ,
जिनने किया यह बड़ा उपकार ।
भक्तों की पुकार सुनी है तुमने ,
हर्ष विभोर है हर मंदिर घर द्वार ।।
द्वितीय नमन है माॅं शैलपुत्री को ,
घर घर को आज बनाई हैं पावन ।
बरस रहे आज ये खुशी के आंसू ,
जैसे उर बसा हो पावन सावन ।।
शैल छोड़कर आईं शैल की पुत्री ,
सुनने को निज भक्तों की पुकार ।
दुःख दरिद्रता क्लेश ये दूर करेंगी ,
दूर करेंगी माॅं भक्तों की चीत्कार।।
जय जय माता शैलपुत्री भवानी ,
तुम्हें नमन है कैसे करूॅं सत्कार ।
अरुण दिव्यांश को करो क्षमा ,
उर में बरसाओ सब हेतु प्यार ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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