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लोग कहते हैं कि अब नया जमाना आ गया है।

लोग कहते हैं कि अब नया जमाना आ गया है।

आज कल नग्नता दिखाने का होड़ सा लग गया है।
टीवी हो मोबाइल हो या फिर हाट या बाजार है।
नग्नता दिखाने के अवसर का भरमार है ।
न जाने आज कल कैसे कैसे कपड़े सिलते हैं ।
फैशन के नाम पर खुला बदन देखने को मिलते हैं ।
कपड़े तो यही पहले जमाने में भी सिलते थे ।
कहीं से भी खुला बदन देखने को न मिलते थे ।
अब ढंकने के नाम पर केवल लज्जा ढंका जाता है ।
उसमें भी मुकाबला है कि कौन कितना दिखा पाता है ।
बदन की नुमाइश कर सबको रिझाया जा सकता है ।
किसी को प्यार से विवाह तक अपना बनाया जा सकता है ।
चमड़ा की नुमाइश जब अपनी चमक खोता है ।
तुरत हुई शादी का तलाक भी तुरंत होता है ।
कोर्ट में तलाक केश की आज बाढ़ सी आ गई है ।
बदन और नग्नता देख शादी करने की यह कहानी न‌ई है ।
आज घर घर में बच्चे बच्चियां देख सब सिख रहे हैं ।
अब तो बुजुर्ग यह सब देख लज्जा से मर रहे हैं ।
आज हमारी सभ्यता हमारे आदर्शों को झुठला रही है ।
अब भरतीय सभ्यता पश्चिमी सभ्यता की ओर बढ़ती जा रही है । जय प्रकाश कुंअर
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