जहाँ शांति चितचैन विराजे बर पिपरा के छाँव में ।
चितरंजन 'चैनपुरा'जहानाबाद
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
कोइलिया के कू कू कू बगुला के बाँव-बाँव में ।
पाण्डुक के मीठी बोली कउआ के काँव-काँव में ।।
महुआ कहुआ कटहल जामुन लगल बगइचा अमियाँ के ।
दुभी सामा हरियर कचकच शीतल छइयाँ निमियाँ के ।।
गाय भइंस खुट्टा पगहा में बान्हल ठाँव-ठाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
माय बाप बाबा मामा के संग बचल संस्कार जहाँ।
अंग झँपल ललना के शोभित नख से शिख सिंगार इहाँ ।।
दूर-दूर तक अदमी के पहचान बसल हे नाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
नथ बाली मांगटीका झुमका कंगन चूड़ी छनकS हे ।
पायलिया के रुनझुन में लिलरा पर बिंदिया चमकS हे ।।
हथबा में मेंहदी के लाली लगल महाबर पाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।
अण्टा लट्टू गुल्ली-डण्टा सतघरबा घोघा रानी ।
सेल कबड्डी चिक्का खेलित वर्षा के झम-झम पानी ।।
बान्ह मुरेठा लाठी ले लइकन के चाँव-चाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
सुपली मउनी बट्टा बढ़नी आजो घर-घर मिल जा हे ।
खरिहानी कोलसार मचनियाँ देख के मनमा खिल हे ।।1
शीश झुकाबे के सहचार हे बूढ़ बड़न के पाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
नदी पइन आहर पोखर आउ खेत बधरिया शोभS हे ।
रब्बी सरसों तीसी के फूलल फुलबा मन लोभS हे ।
चरित बकरिया मिमिआये कुत्ता के झाँव-झाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
टीवी आउ मोबाइल से अलगे जमात जब जुटS हे ।
मन भर बात अपन हिरदा के दिल में लड्डू फूटS हे ।।
सब दुख-दर्द भुला जा हे सच ओइसन हाँव-हाँव में ।
कोइलिया के कू कू कू बगुला के बाँव-बाँव में ।
पाण्डुक के मीठी बोली कउआ के काँव-काँव में ।।
महुआ कहुआ कटहल जामुन लगल बगइचा अमियाँ के ।
दुभी सामा हरियर कचकच शीतल छइयाँ निमियाँ के ।।
गाय भइंस खुट्टा पगहा में बान्हल ठाँव-ठाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
माय बाप बाबा मामा के संग बचल संस्कार जहाँ।
अंग झँपल ललना के शोभित नख से शिख सिंगार इहाँ ।।
दूर-दूर तक अदमी के पहचान बसल हे नाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
नथ बाली मांगटीका झुमका कंगन चूड़ी छनकS हे ।
पायलिया के रुनझुन में लिलरा पर बिंदिया चमकS हे ।।
हथबा में मेंहदी के लाली लगल महाबर पाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।
अण्टा लट्टू गुल्ली-डण्टा सतघरबा घोघा रानी ।
सेल कबड्डी चिक्का खेलित वर्षा के झम-झम पानी ।।
बान्ह मुरेठा लाठी ले लइकन के चाँव-चाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
सुपली मउनी बट्टा बढ़नी आजो घर-घर मिल जा हे ।
खरिहानी कोलसार मचनियाँ देख के मनमा खिल हे ।।1
शीश झुकाबे के सहचार हे बूढ़ बड़न के पाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
नदी पइन आहर पोखर आउ खेत बधरिया शोभS हे ।
रब्बी सरसों तीसी के फूलल फुलबा मन लोभS हे ।
चरित बकरिया मिमिआये कुत्ता के झाँव-झाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
टीवी आउ मोबाइल से अलगे जमात जब जुटS हे ।
मन भर बात अपन हिरदा के दिल में लड्डू फूटS हे ।।
सब दुख-दर्द भुला जा हे सच ओइसन हाँव-हाँव में ।
देश अगर देखे के हौ त देखS जाके गाँव में ।।
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