गलतियाँ कसूर विना
डॉ रामकृष्ण मिश्रपंजीकृत हो गयीं।
अभिलाषाएँ सारी
विन खाये सो गयीं।।
बेकसूर चिन्तन के पाँव
बँधी बेड़िया ।
नारों में ं भटक गयी
छूटी अठखेलियाँ।।
तारांकित प्रार्थना
विवादों में खो गयी।।
आश्वासन का प्रवाह
मन्द-मन्द लगता है।
दस्तूरी का मौसम
ऐसे क्या चलता है।।
छ:पाँच की गुडिया
घृणा - बीज बो गयी।।
त्यैरियाँ चढा़ने का
समय बहुत तंग है।
रक्त- रक्त खेलना
उपद्रव का अंग हं।।
नाश की विभीषिका
ईर्ष्या पिरो गमी।। *"****"""""""""***13रामकृष्ण
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
अभिलाषाएँ सारी
विन खाये सो गयीं।।
बेकसूर चिन्तन के पाँव
बँधी बेड़िया ।
नारों में ं भटक गयी
छूटी अठखेलियाँ।।
तारांकित प्रार्थना
विवादों में खो गयी।।
आश्वासन का प्रवाह
मन्द-मन्द लगता है।
दस्तूरी का मौसम
ऐसे क्या चलता है।।
छ:पाँच की गुडिया
घृणा - बीज बो गयी।।
त्यैरियाँ चढा़ने का
समय बहुत तंग है।
रक्त- रक्त खेलना
उपद्रव का अंग हं।।
नाश की विभीषिका
ईर्ष्या पिरो गमी।। *"****"""""""""***13रामकृष्ण
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com