कलियुग में भगवान...
त्रेता युग में राम हुए थे, रावण का संहार किया,द्वापर में श्रीकृष्ण आ गए, कंस का बंटाधार किया।
कलियुग भी है राह देखता, राम कृष्ण के आने की,
भारत की पावन धरती से, दुष्टों को मार भागने की।
आओ हम सब राम बने, कुछ लक्ष्मण सा रूप धरें,
नैतिकता और बाहुबल से, भ्रष्टाचारियों को ख़त्म करें।
एक नहीं लाखों रावण हैं, जो संग हमारे रहते हैं,
दहेज़, गरीबी, अशिक्षा का, कवच चढ़ाये बैठे हैं।
कुम्भकर्ण से नेता बैठे, स्वार्थों की रुई कान में डाल,
मारीच से छली अनेकों, राष्ट्र प्रेम का नहीं है ख्याल।
शीघ्र एक विभीषण ढूढो, जो नाभि का पता बताएगा,
देश भक्ति के एक बाण से, दुष्टों का नाश कराएगा।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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