फेसबुक पर पटाखों का विरोध करने वाले,

फेसबुक पर पटाखों का विरोध करने वाले,

फेसबुक छोडें, घर पर बच्चो को संभालें।
जग में क्रान्ति करने चले, ए सी में बैठकर,
बच्चों ने पटाखे चला, इतिहास बना डाले।


दे रही साथ माँ भी, साथ ही वह खडी है,
फुलझडी लिये हाथ में, बम बनी खडी है।
छोडकर उपदेश अब, आप भी बाहर आइये,
आप भी खडे हो जाओ, जहाँ पत्नी खडी है।


जो कह रहे पटाखों से, प्रदूषण फैलता,
मानसिक प्रदूषण पर, अंकुश तो लगा लो।
सभ्यता, संस्कार, संस्कृति को समझ कर,
त्योहारों का महत्व, इतिहास पता लगा लो।


अ कीर्ति वर्धन

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