Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

राम कृष्ण से सुंदर कौन ,

राम कृष्ण से सुंदर कौन ,

बैठे हो तुम हो कर मौन ।
इनको भजलो पाप हरेंगे ,
तेरे सब संताप हरेंगे ।
प्रेम मंत्र हैं एक सिखलाते ,
एक मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते ।
इनके शरणागत हो जाओ ,
मन बांछित फल इनसे पाओ ।
पाप की गठरी भारी हो गयी ,
जीवन की सब ज्योति खो गयी ।
अब तो चेतो ऐ मूरख मन ,
काम न आएगा सुंदर तन ।
मिट्टी में यह मिल जाएगा ,
काम नहीं कुछ भी आएगा ।
कर्म किए जा, भजन किए जा ,
राम कृष्ण का नाम लिए जा ।
इनको छोड़ न आशा कोई ,
ये जो चाहेंगे सो ही होई ।
इनको भजते हैं सुर संता ,
ये हैं प्रणतपाल भगवंता । 
 जय प्रकाश कुंअर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| 
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ