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युद्ध

युद्ध

ऋचा श्रावणी
युद्ध ही युद्ध छिड़ा है
विश्व युद्ध आ गया


सृष्टि भी तांडव कर रही
प्रलय का शंखनाद हो गया


मंदिरों को तोड़ते थे जो
आज मस्जिद ध्वस्त हो गया


काल चक्र का काल देखो
इतिहास फिर दोहरा गया


नफरत की बीज जो तुमने बोए
अब ब्रह्मांड तुम्हे लौटा रहा


हमारे वेद शास्त्र छीन कर
अंधकार में डाल कर


देखी वही लोग हमसे
ज्ञान का प्रकाश मांग रहा


शांति नहीं रही अब चारों ओर
मनुष्य का विवेक जा रहा


यह युग परिवर्तन की घड़ी हैं
नव युग निर्माण हो रहा।स्वरचित
ऋचा श्रावणी
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