Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

रावण प्रतीक बुराई का, यह बतलाया जाता है,

रावण प्रतीक बुराई का, यह बतलाया जाता है,

कर्मों का फल यहीं मिलेगा, समझाया जाता है।
धर्म कर्म सिखलाता हमको, नैतिकता की राह,
जैसी करनी वैसी भरनी, धर्म सार बताया जाता है।


मर्यादा प्रतीक राम हैं, मानवता की राह चले,
काँटों में जीवन बीता, जो महलों में सदा पले।
छल से सीता हरण, छली मारीच साथ लिया,
रावण छलिया, पर राम किसी को नहीं छले।


अ कीर्ति वर्द्धन

हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ