रावण प्रतीक बुराई का, यह बतलाया जाता है,
कर्मों का फल यहीं मिलेगा, समझाया जाता है।धर्म कर्म सिखलाता हमको, नैतिकता की राह,
जैसी करनी वैसी भरनी, धर्म सार बताया जाता है।
मर्यादा प्रतीक राम हैं, मानवता की राह चले,
काँटों में जीवन बीता, जो महलों में सदा पले।
छल से सीता हरण, छली मारीच साथ लिया,
रावण छलिया, पर राम किसी को नहीं छले।
अ कीर्ति वर्द्धन
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