सब है पर बेकार है
---:भारतका एक ब्राह्मण.संजय कुमार मिश्र 'अणु'
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एक तुम्हीं पर एतबार है,
और सब है पर बेकार है।१।
मैंने देखा और जान गया,
बस एक तू हीं वफादार है।२।
लोग मिले और चलते बने,
कि ये तो बड़ा होशियार है।३।
और मुझसे वो मिली नहीं,
लो जिसका मुझे इंतजार है।४।
कभी मिले तो तू बता देना,
उसका दिल बड़ा बेकरार है।५।
जमाना भले पागल उसे कहे,
पर सचमुच में वो तेरा प्यार है।६।
जा और उससे गले मिल कहो,
ये मेरा दिल भी तेरा दिलदार है।७।
ये जमाना तुम्हें जीने नहीं देगा,
जमाने की धार नंगी तलवार है।८।
'अणु' को तेरा प्यार क्या मिला,
कह रहे मेहरबां परबर दीगार है।९।
----------------------------------------वलिदाद,अरवल(बिहार)८०४४०२.
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