ख्वाब/ कल्पना
ख्वाब ही हैं जिंदगी, कल्पना कर देखिए,ख्वाब ही हैं मौत भी, कल्पना कर देखिए।
ख्वाब में किसने क्या देखा, और क्या जाना,
कल्पना के लोक विचरण, कल्पना कर देखिए।
कल्पना की बात आयी, कल्पना कर देखिए,
पंछी बनकर हम उडें, ये कल्पना कर देखिए।
मन में सोचें सब मिले, कल्पना का विस्तार हो,
भ्रम तज यथार्थ हो सब, कल्पना कर देखिए।
अम्बानी सा यश और वैभव, कल्पना कर देखिए,
ऐश्वर्या सी प्रेयसी हो, बस कल्पना कर देखिए।
ब्रह्माण्ड में जब भी चाहूँ, जब जहाँ घुमूँ फिरूँ,
और बनूँ सर्वश्रेष्ठ जग में, कल्पना कर देखिए।
शान्ति हो देश में, हर तरफ खुशहाली हो,
आतंकी बवाली न हों, कल्पना कर देखिए।
देश का प्रधान मैं हूँ, विश्व गुरु सी आन बान,
मित्र हों सब मंत्रीमंडल, कल्पना कर देखिए।
अ कीर्ति वर्द्धन
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