है अनूठा चाँद का, यह किरदार देखिए,
महबूबा हो चाँद सी, विचार कर देखिए।मामा भी हो चाँद जैसा, माँ बताती सदा,
भाई का मुखड़ा चाँद सा, निहार देखिए?
भाती किसी को चाँदनी, शीतल लगे,
विरह वेदना में अगन, लगाती देखिए।
गर्मी की रातें और शीतलता समन्वय,
पूर्णिमा को ज्वार भाटा इससे देखिए।
होता बहुत उद्वेलित समुद्र पूर्णिमा को,
आतुर मिलन को प्रेयसी, प्रेमी देखिए।
सुहागिनें व्रत रख, लम्बी उम्र की कामना,
चाँद में निहारती, प्रियतम को देखिए।
अ कीर्ति वर्द्धन
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