लोगों में स्वाध्याय की प्रवृत्ति ही खत्म हो गई है।
डा• मेधाव्रत शर्मा, डी.लिट.(पूर्व यू.प्रोफेसर)
भाषा के मामले में लोगों की, खास कर पढ़े-लिखे लोगों की, शर्मनाक लापरवाही देख कर बड़ी खीझ होती है। प्रतीत होता है, भाषा को न केवल विकलांग कर छोड़ेंगे, बल्कि हत्या कर के ही दम लेंगे। जिस भाषा से आप शब्द लेते हैं, उसकी मर्यादा और परिनिष्ठितता का ख़याल तो रखना ही पड़ेगा। यदि कोई संस्कृत-शब्द आप लेते हैं, तो उसके शुद्ध प्रयोग का ध्यान आपको रखना ही पड़ेगा। मनमानी नहीं चलेगी। हिन्दी प्रकृत्या तद्भव-प्रधान भाषा है। संस्कृत 'गृह 'के बजाए 'घर 'हिन्दी का अपना है। यदि हिंदी में कोई 'मैं गृह जाता हूँ ' बोलेगा, तो लोग उसे सिरफिरा ही समझेंगे। उसी प्रकार 'गृह-प्रवेश 'की जगह कोई 'घर-प्रवेश 'बोलेगा, तो उसे जाहिल ही समझा जाएगा। हर भाषा की अपनी प्रकृति,भाव-व्यंजन-प्रणाली एवं वाग्धारा होती है। इस तथ्य का भरपूर ध्यान रखना निहायत जरूरी है। हिन्दी मिली-जुली भाषा है। तत्सम, तद्भव, देश्य और विदेशी--सब प्रकार के शब्द हिन्दी में प्रचलन के अनुसार व्यवहृत होते हैं।
संप्रति नौ दिनों की माँ दुर्गा की उपासना चल रही है। इसके लिए 'नवरात्रि ', "नवरात्री "--शब्दों का प्रयोग लोग कर रहे हैं। ये प्रयोग बिलकुल गलत हैं। शुद्ध रूप है--"नवरात्र ''।नियम है कि "रात्रि ''के साथ पूर्व पद संख्यावाचक हो, तो "रात्रि "का "रात्र " हो जाता है।
सर्वाधिक प्रामाणिक संस्कृत-व्याकरण "सिद्धान्तकौमुदी" से संस्कृत-पण्डितों के हितार्थ तीन सूत्र मैं उद्धृत कर रहा हूँ-
- रात्राह्नाहा:पुंसि ,1166
- तत्पुरुषस्याङ्गुले :संख्याव्ययादे:, 1132
- अह:सर्वैकदेशसंख्यातपुण्याच्च रात्रे: ,1133
हिन्दी-वालों की भाषिक निरंकुशता तो क्षम्य भी है, किंतु संस्कृत वालों की तो कतई क्षम्य नहीं। तिलक-शिखा-उष्णीषधारी तथाकथित पण्डित भी "नवरात्र "के बजाए 'नवरात्रि 'और "नवरात्री" का प्रयोग करते देखे जा रहे हैं ।किंबहुना, डाक्टरेट-धारी लोग इस तरह के भ्रष्ट प्रयोग कर रहे हैं। लोगों में स्वाध्याय की प्रवृत्ति ही खत्म हो गई है। विश्वविद्यालय की उपाधियों के धारण के बाद लोग अपने को सर्वज्ञ समझने के भ्रम से ग्रस्त हो जाते हैं। यह अत्यन्त दयनीय दुर्भाग्य है। इन लोगों का यह हाल देख कर सिर पीट लेने की इच्छा होती है।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com