Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

"भूख"

"भूख"

ये भूख एक ऐसा अभिशाप है,
जो मनुष्य को ही खा जाती है,
यह पेट के अंदर की आग,
विवेक को ही जला जाती है।


ये भूख ऐसा असहनीय दर्द है,
जो शब्दों में बयाँ नहीं होता है,
उदर में प्रबल हलचल होती है,
मन में असंविदित डर होता है।


भूख एक ऐसा अभिशाप है,
जो मानव को पंगु बना देता है,
शक्ति और बुद्धि खो जाती है,
और जीवन बेकार हो जाता है।


भूखे सोना कुछ लोगों की मजबूरी है,
भूख एक ऐसी समस्या है,
जिसे दूर करना जरूरी है,
यह भूख मिटे हमारा प्रयास जरूरी है।


स्वरचित एवं मौलिक पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ