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"कल की परछाइयों में जीना छोड़ दें"

"कल की परछाइयों में जीना छोड़ दें"

आपका अतीत अनुभवों का एक संग्रह है, जिसमें विजय और परीक्षण दोनों शामिल हैं। जबकि इसने आपको आज के व्यक्ति में आकार दिया है, यह आपके भविष्य को परिभाषित नहीं करता है। अतीत एक लुप्तप्राय गूंज है, जबकि वर्तमान एक जीवंत सिम्फनी है, जिसका इंतजार है कि आप उसकी रागिनी रचें।

कल की परछाइयों को अपने आज की चमक को कम न करने दें। आपने जो सबक सीखे हैं, उन्हें अपनाएं, लेकिन अपनी गलतियों पर ध्यान न दें। हर चूक विकास का एक अवसर है, एक उज्ज्वल कल की ओर एक कदम।

आज एक साफ स्लेट है, एक ताजा कैनवास जो आपकी कृति की प्रतीक्षा कर रहा है। इस क्षण को भुनाएं, अपना दिल इसमें डालें, और अपने पछतावे से ज्यादा अपने कार्यों को बोलने दें।

याद रखें, आपका अतीत एक बंद किताब है, लेकिन आपका भविष्य एक खुली किताब है, जिसका इंतजार है कि आप उसकी कहानी लिखें। आज अपनी असीम क्षमता में साहस, लचीलापन और अटल विश्वास से भरी कहानी का पहला पृष्ठ बनें।

पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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