आँसू और जाम ---
आँसुओं का पैमाने से, कितना गहरा मेल है,छलकने का बहाना, दोनों का खेल है।
कभी गम मिटाने को, कभी ख़ुशी जताने को,
छलकते हैं दोनों हरदम, अहसास जताने को।
छलकते हैं दुःख के आँसू, अक्सर मेरी तन्हाई में,
पैमाना भी पिया तन्हा, यारों की रुसवाई में।
छलकाए थे जाम मैंने, जब भरी महफ़िल में,
आँसू थे मेरी आँख में, महबूब था दिल में।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com