Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

लूट की हसरतें, जो दिल में लेकर घूमते हैं,

लूट की हसरतें, जो दिल में लेकर घूमते हैं,

जालसाज़ों के क़िस्से, सब मेरी निगाहों में हैं।
कत्ल करके हमदर्दी जताना, यह पुराना खेल है,
क़ातिलों के हमदर्द सारे, अब मेरी निगाहों में हैं।
अभिव्यक्ति की आज़ादी मिली, तभी कूकर भौंकते,
किसके टुकड़ों पर पले हो, सब मेरी निगाहों में है।
पीपल वृक्ष पर देवता का, सच जो समझे नही,
मुहावरों के अनर्थ का सच, वह मेरी निगाहों में है।

अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ