वोट का समय देश में जब भी आता है ।

वोट का समय देश में जब भी आता है ।

कुछ नेताओं का बोल अचानक बिगड़ जाता है ।।
जीतने का नया नया नुस्खा गढ़ा जाता है ।
अमर्यादित व्यक्तिगत टिप्पणी का पाठ पढ़ा जाता है ।।
नेताओं में अभी गाली गलौज का दौर जारी है ।
गाली के बल पर वोट जीतने की तैयारी है ।।
इस बार " पनौती " एक नया गाली आया है ।
इसे ब्रह्मास्त्र जैसा विरोधियों ने अपनाया है ।।
किसी को " पापी " कहना भी कुछ कम नहीं है।
पर कहने वाले को कोई गम नहीं है ।।
राजनीति में तो राज और जुड़ा शब्द नीति है ।
इस गाली गलौज ने अपना अब कैसे स्थान बनाया है ।।
इससे राजनीति बहुत मैली और दूषित हो रही है।
क्या यही संस्कार पुरखों ने नेताओं को सिखाया है ।।
देश भी रहेगा, राजनीति भी होती रहेगी ।
पर भविष्य के लिए गलत परंपरा पड़ती जाएगी ।।
युवाओं द्वारा इसका अनुकरण शुरू होगा ।
और देश की सांस्कृतिक विरासत खत्म हो जाएगी ।।
वक्त रहते संभल जाओ और मर्यादित भाषा अपनाओ ।
नाश तो होता जा ही रहा है , सर्वनाश को न निकट बुलाओ ।।
                                        जय प्रकाश कुंअर
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