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शुभ दीपावली

शुभ दीपावली

(समस्त देशवासियों को पावन पंच पर्व धनतेरस/ धन्वंतरि जयंती, छोटी दीपावली -रूप चतुर्दशी, दीपावली गोवर्धन पूजा एवं भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएं)


आओ जीवन के बुझते दीपों में, हम सब मिलकर नव ज्योति जलाएं


अंतस्तल में दारुण दुःख लहराता, उनके हृदयों में नव संदेश सुनाएं


जिन प्राणों में अरमान नहीं, स्वप्नों भावों में विचार नश्वरता के भर जाएं


उन नयनों के आॅ॑सू पोंछें, मृतप्राय मानवता में नव बल का संचार कराएं


हम दिव्य दिवाकर भारत के प्रकाश पुंज हैं ,जग को जगमग कर जायें


तन मन के सब तिमिर हटायें ,आओ सब मिलकर दिये जलायें


गौरव स्वाभिमान के धनी हैं हम, आओ ज्ञान विवेक के राजहंस बन जायें


दशों दिशाओं को आलोकित कर दें , शुभता सुचिता संस्कृति संस्कार के दिये जलायें


धरती पर नव नूतन सूर्य उगायें, जन मन में नवल मुकुल कमल खिलायें


द्वेष ईर्ष्या कुंठा शिव बन कर पी जायें, कंटक पथ के दूर करें संकट से मत घबरायें


तन मन के सब तिमिर हटायें आओ सब मिलकर दिये जलायें


हम दिव्य दिवाकर भारत के प्रकाश पुंज हैं,जग जगमग कर जायें


तपह भूमि है कर्म भूमि है भारत मेरा, ज्ञान का तेल श्रम कर्म की बाती बन कर स्वयं को दिया वनायें


ईश्वर सिर्फ आकृतियां और आकार बनाता,हम सब मिलकर कर्तव्य प्रेरणा के स्त्रोत वनायें


तन मन के सब तिमिर हटायें आओ सब मिलकर दिये जलाएं


हम दिव्य दिवाकर भारत के प्रकाश पुंज हैं,जग को जगमग कर जायें


शुभ दीपावली आयी है, ऋद्धि सिद्धि अणिमा गरिमा ले आई है


गणपति रमा उमा ब्रह्माणी की, शक्ति असीमित छायी है


शुभ अवसर पर भारत ने, दिव्य दिवाकर की अनुपम महिमा गायी है


घर द्वार सब धवल स्वच्छ बने, पृक्रति सृष्टि सुखदाई वरदायी है


हम निर्बल का बल निर्धन का धन बन कर, देश का दारिद्र भगायें


तन मन धन सब स्वच्छ करें, भारत का वैभव भाग्य जगायें


शुभ दीपावली आयी है, प्रदूषण रहित उमंग भरा उल्लास मनायें


तन मन के सब तिमिर हटायें, आओ सब मिलकर दिये जलायें


हम दिव्य दिवाकर भारत के प्रकाश पुंज हैं, जग को जगमग कर जायें


निराशाओं के मरुस्थल को उपवन में बदलें, खुशी के अगणित दीप जलाएं


दीन दुखियों के मन मंदिर में भी, उल्लास का अभिनव एक दिया जलाएं


आओ जीवन के बुझते दीपों में, हम सब मिलकर नवज्योति जलाएं........


जिनके अंतस्तल में दारुण दुःख लहराता, उनके हृदयों में नव संदेश सुनाएं.......


जय भारत - वन्दे मातरम्


चंद्र प्रकाश गुप्त "चंद्र"
(ओज कवि एवं राष्ट्रवादी चिंतक) अहमदाबाद , गुजरात
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