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भैया दूज

भैया दूज

पावन रिश्तो का संसार बरसे भाई बहन का प्यार।
भैया दूज आया त्यौहार लाया हर्ष खुशी अपार।
पावन रिश्तो का संसार


चंदन तिलक लगा मस्तक बहना करे मंगलाचार।
सुख वैभव से भरा रहे भैया तेरा घर परिवार।
उमड़ा दिलों में हर्ष अपार भैया लाए ढेरों उपहार।
भाई बहन का मधुर प्यार महकता रहे यह संसार।
पावन रिश्तो का संसार


पावन संस्कृति हमारी खिले गुलशन गुलजार।
सद्भावो की धारा में अपनापन बढ़ता बेशुमार।
गंगाजल सा पावन रिश्ता भाई बहना का प्यार।
परिवार में बहती रहती स्नेह की मधुर फुहार।
पावन रिश्तो का संसार


मौज मस्ती अठखेलियां मधुर मधुर सब बातें।
कभी प्यार तकरार कभी सुहानी सी मुलाकाते।
बचपन की यादें भी अब घोल रही रसधार।
सुखी रहो मेरे भैया बहना का प्यार दुलार।
पावन रिश्तो का संसार


रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थानरचना स्वरचित व मौलिक है।
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