वक्त का फेर
वक्त कहाँ किसी का एक सा रहता है,आज बुरा है तो कल अच्छा होता हैं।
याद रखना है, तो बस इतना ही कि,
उस वक्त कौन - कौन साथ देता है।
वक्त का ये फेर है, यह तो सभी जानते हैं।
कभी ऊपर और कभी यह नीचे होता है।
आज अच्छा है, तो कल बुरा हो सकता है।
कल अच्छा है, तो आज बुरा हो सकता है।
समय का पहिया अनंत काल से चलता आया है,
कभी गम तो कभी ख़ुशी का यह संदेशा लाया है।
हर अमावस के बाद सूर्य ने उजाला बिखराया है,
टूटी हुई हमारी उम्मीद को उसने फिर जगाया है।
कभी खुशी तो कभी गम होता है,
कभी जीत तो कभी हार होती है।
इसलिए वक्त के साथ चलना है,
और हमें आगे ही बढ़ते रहना है।
इसलिए, बुरे वक्त में भी धैर्य रखना है।
स्थाई नहीं बुरा वक्त, समय बदलता है।
अगर किसी कारण अच्छे दिन नहीं रहे,
बुरे दिन सदा नहीं रहेंगे यह समझना है।
जो लोग वक्त पर हमारा साथ देते हैं,
उन्हें कभी हमें भूलना नहीं चाहिए।
क्योंकि यही तो वह लोग होते हैं,
जो मुश्किल वक्त में काम आते हैं।
तो सोच समझकर दोस्त बनाना,
और वक्त के हमें साथ है चलना।
क्योंकि यह वक्त ही सब कुछ है,
वक्त ही सब कुछ बदल देता है।
स्वरचित एवं मौलिक पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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