तन्हाईयां जब डसेंगी, तब मुझे तुम याद करना,
भीड़ में अकेली रहोगी, तब मुझे तुम याद करना।मैं चलूँगा साथ तेरे, ख़्वाब बनकर हर राह पर,
जब तुझे ज़रूरत पड़ेगी, तब मुझे तुम याद करना।
हमने चाहा खुद से ज़्यादा, तुम मिले या न मिले,
प्यार के दो पुष्प दिल में, तेरे खिले या न खिले।
देखती नज़रें घुमाकर, और फिर मुँह फेरती हो,
सुन रहा जो कह रही हो, लब हिले या न हिले।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com