सर्दियों की भीषणता से

सर्दियों की भीषणता से

मुक्ति दिलाती
नर्म मुलायम धूप का अहसास
आँगन में देखकर
मैने भी डाल दी
अपनी मुस्कराहटें
धूप में
सुखने के लिये।
मुस्कराहटें
जो सिकुड गयी थी
सर्दी में
मुडे- तुडे कागज
सिकुडी हुयी चादर की मानिन्द
सडकों पर
यहाँ- वहाँ लेटे
गरीबों को देखकर,
आज
धूप का अहसास पाकर
रोमांचित थी
और प्रफुल्लित भी
अगले दस माह तक
नमी- सीलन
और
सर्दी से
मुक्ति की कल्पना से।

अ कीर्तिवर्धन
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