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पहली बार उच्च पदासीन नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सदन में बिहार की महिलाओं का घोर अपमान:- डॉ मृदुल मिश्रा

पहली बार उच्च पदासीन नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सदन में बिहार की महिलाओं का घोर अपमान:- डॉ मृदुल मिश्रा

संविधान का शपथ लेकर, उच्च सांविधानिक पद पर आसीन होकर ऐसा निम्नकोटि का बयान तो बिल्कुल निंदनीय है। सदन में उपस्थित तमाम विधायक बयान देने वाले महानुभाव को टोकने, रोकने की जगह दहाड़-दहाड़ कर मेजें थपथपाकर शाबाशी दे रहे थे। वे भी उतने ही दोषी हैं। सदन को सुचारु रूप से चलने व गरिमा को बनाए रखने की जिम्मेवारी लिए सदन अध्यक्ष महोदय धृतराष्ट्र की भूमिका निभाते लगे। वे तो और भी ज्यादा दोषी हैं उनके बयान को उचित ठहरा रहे थे । केवल वहाँ की महिलाओं की तौहीन नहीं, बल्कि यह पूरे बिहार की सभ्यता व संस्कृति पर लांछन का धब्बा है। संस्कृति का अपमान कर यहां की शालीन सभ्यता को भी नष्ट किया गया है । देश की सबसे पुरानी पार्टी को उनके बयान का विरोध ना कर समर्थन देने पर भी महिलाएं आश्चर्यचकित हैं। जनता इसे पार्टी का सर्वनाश करने वाला बयान बता रही है। उस पर संवेदनशील होना और जरा सा भी शर्म ना करना, इसे न्यायालय को स्वयं संज्ञान में लेकर कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिये। न्यायालय इस अक्षम्य अपराध पर समुचित निर्णय लेकर महिलाओं के साथ न्याय करे। खासकर महिला आयोग भी मौन व्रत ना रखे ।
इस शर्मनाक बयान के लिए बिहार की महिलाएं ही नहीं तमाम जनता लानत करती है।
अंतिम फैसला तो जनता करेगी ही। मृदुला मिश्रा के बयान को समर्थन देने वाले कौटिल्य मंच से जुड़ी प्रमुख महिलाओं में प्रोफेसर रीना सिंह, नीलम पासवान, कविता राऊत, पियुषा गुप्ता, प्रोफेसर संगीता सिंह, प्रोफेसर दीपा जमुआर, किरण पाठक, वैष्णवी मांडवी गुर्दा, तारा चक्रवर्ती, पार्वती देवी, मंजू देवी, रुक्मणी पाठक, पुष्पा गुप्ता, सपना तिवारी, ललिता देवी, मालती देवी, तरन्नुम तारा, रेशमा खातून, तस्लीम नाज, चंचला शर्मा, कंचन पाठक, सुनंदा मराठे , पार्वती देवी, वीणा यादव, रीता पाठक, माया देवी, रूपा दास, रूपम दास, गीता विश्वकर्मा,नुसरत प्रवीण,अर्चना बनर्जी, रूनी देवी, फुल कुमारी, ममता गुप्ता, अनीता देवी, अनीता गुप्ता, पूजा कुमारी, रंजना पांडे, गुंजन कुमारी, रीना देवी, गौरी प्रेरणा मराठे, सुनीता देवी ,रजनी चावला, रेखा गुप्ता, मंजू गुप्ता , अर्चना मिश्रा, रीना पासवान, अनुपमा ज्ञानेश, मेघा मिश्रा, किरण पांडेय, डा.किरण पाठक के अलावे बड़ी संख्या में कौटिल्य मंच तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने नीतीश कुमार जी के बयान को अक्षम्य अपराध बताते हुए घोर निंदा की है।
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